कितना कमाने पर इनकम टैक्स लगता है |

इनकम टैक्स में भी अलग-अलग नियम कानून होते हैं| अगर आप 10 लाख कमाई तो 10 लाख पर आपको टैक्स नहीं देना परता है |

कितना कमाने पर इनकम टैक्स लगता है |

  1. अगर आप 0-3 लाख कमाई तो आपको कोई टैक्स नहीं पे करना पड़ेगा |
  2. अगर आप 3 लाख से 6 लाख कमाई तो आपको 5% टैक्स पे करना पड़ता है |
  3. 6 लाख से 9 लाख कमाई तो आपको 10% टैक्स पे करना पड़ेगा  |
  4. 12 लाख से 15 लाख कमाई तो आपको 30% टैक्स पे करना पड़ेगा |

अगर आप 10 लाख कमाए हैं | उसमें से आपको दो लाख खर्च हो जाता है तो आपको टैक्स 8 लाख पे करना पड़ेगा | 8 लाख पर कैटिगरी वाइज टैक्स लगता है जैसे की 3 लाख पर जीरो पर्सेंट टैक्स लगता है तीन से 6 लाख में 5% टैक्स लगता है बच गया 2 लाख से आपको 10% का टैक्स भरना पड़ता है  |

टैक्स कितने प्रकार के होते हैं |

  1. Direct tax    2. indirect tax

1. Direct tax :-डायरेक्ट टैक्स वह होते हैं | जिस व्यक्ति पर टैक्स लगाया जाता है उसी को पे (Pay )करना पड़ता है | जो व्यक्ति साल में जितना पैसा कमाता है उसको टैक्स के रूप में पे करना पड़ता है |

2. Indirect Tex:-इनडायरेक्ट टैक्स वैसा टैक्स होता है |जो लगता है किसी व्यक्ति पर टैक्स लेकिन पे करना पड़ता है |दूसरे व्यक्ति को टैक्स जैसे की:-अगर आप मूवी देखने गए हैं |टिकट का दाम 150 सौ रुपए है  |टिकट वाले ने तो आपसे पूछा नहीं कि आप कौन सी कैटेगरी में आते हैं | OBC/ SC/ St/ EWS आपके लिए तो टिकट का दाम कम नहीं होता है |

अब आपके मन में ख्याल आता होगा कि जिसका सिनेमा घर है |वह एक दिन में तो बहुत सारे पैसा कमाते हैं जी नहीं उसको भी टैक्स पे करना पड़ता है |डेढ़ सौ रुपया आपसे कमाया लेकिन डेढ़ सौ में मात्र ₹50 बचता है| ₹100 टेक्स भरता है |लेकिन सरकार की नजर में मसीहा बन जाता है |टैक्स भर के कौन जो मूवी दिखा रहा था लेकिन वह टैक्स तो आपने भरा है ना उसी को इनडायरेक्ट टैक्स कहते हैं |

Regressive tax क्या होता है |

ये वैसा टैक्स होता है |जो गरीब अमीर को नहीं दिखता है ये सब पर टैक्स लगता है | Example Diesel,petrol,food,ticket,shopping , mall all items रिग्रेसिव टैक्स देश के लिए अच्छा टैक्स नहीं होता है | क्योंकि इसमें गरीब को उतनी क्षति होता है जितने अमीर को नहीं होता है | क्योंकि आमिर को पता ही नहीं चलता है | कि पेट्रोल डीजल का भाव क्या है  |जाते हैं सिर्फ पेट्रोल पंप पर टंकी फुल करके आ जाते हैं  |

Progressive tax क्या होता है |

दुनिया में बहुत सारे लोग हैं लेकिन जो पैसा कमाता है | उसी को सिर्फ टैक्स पे करना पड़ता है |सभी व्यक्ति को टैक्स Pay  नहीं करना पड़ता है |जो टैक्स मिला वह देश के प्रगति में काम आया विकास में काम हो आया इसलिए ये टेक्स प्रोग्रेसिव टैक्स कहलाता है |

भारत में टैक्स लागू कब किया गया |

भारत में टैक्स 24 जुलाई 1860 जेम्स विल्सन के द्वारा लागू किया गया | जेम्स विल्सन ने द इकोनॉमिस्ट बड़े-बड़े मशहूर पत्रिका चार्ट बैंकों की स्थापना की थी भारत में जेम्स विल्सन बजट का जनक माना जाता है।

विश्व में टैक्स कब लागू किया गया था |

इससे पहले जर्मनी में भी टैक्स लग चुका है |जब विश्व युद्ध द्वितीय हुआ था तो हिटलर वाला जो जर्मनी था वह दो भागों में बांटा था एक ईस्ट जर्मनी और दूसरा वेस्ट जर्मनी वेस्ट जर्मनी था वह गया यूरोप वाले के पास और ईस्ट जर्मनी गया USSSR वालों के पास ईस्ट जर्मनी तो हो गया गरीब |

वेस्ट जर्मनी जो अमेरिका के पास चला गया वो तो कंट्री  अमीर  हो गया  |1991 मैं जब USSR टूटा था ये दोनों को टूटने पर आपस में मिला दिया गया था ईस्ट जर्मनी की तो हालत बिगड़ गई वेस्ट जर्मनी वाले तो अमीर लोग थे उनको सुधारने के लिए पहली बार जर्मनी में 1991 में टैक्स लगाया था

टैक्स कब और क्यों लगाया जाता है |

इस टैक्स की खास बात क्या है| ये टेक्स परमानेंट नहीं होती ये टेक्स हमेशा नहीं चलता है| बस एक बार सामान्यता आ जाए।

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