Chandrayan 3 मैं क्यों orbiter को नहीं रखा गया जानिए क्या कारण है

Chandrayan 3 श्रीहरिकोटा Andhra Pradesh   इसरो नामक कंपनी ने लांच किया इस कंपनी ने पहले चंद्रयान-1 chandrayaan-2 chandrayaan-3 अब लांच कर रहा है chandrayaan-3 का मुख्य उद्देश्य है कि उन पर मूल की दक्षिण ध्रुव पर लैंडिंग करना एक लैंडर और एक रोवर होगा लेकिन इसमें orbiter  नहीं होगा |

 

सतीश धवन सेंटर से LVM-3 M4 राकेट श्रीहरिकोटा chandrayaan-3 लंच सफल अंतरिक्ष में नया इतिहास रचा गया इसरो की तरफ से

अगर मिशन कामयाब रहा अमेरिका और रूस और चीन के बाद हिंदुस्तान ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा और रूस दोनों के चंद्रमा पर उतरने से पहले कई स्पेसक्राफ्ट हुए थे

अगर हम कामयाब होते हैं जमीन से आसमान से अंतरिक्ष तक हिंदुस्तान का  काबिलियत का झंडा फहराया जाएगा |

chandrayaan-3 में लैंड रोवर और प्रफुल्ल मॉडल है लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल में उतरेंगे और चौथा दिन तक वहां एक्सपेरिमेंट करेंगे

पर फैशन मॉडल ऑर्बिट पर रहेगा धरती से आने वाली रेडियस का स्टडी करेगा मिशन के जरिए पता लगाएगा

Chandrayan 3
                                5 अगस्त चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगी।
23 अगस्त शाम के 5:00 बज के 47 मिनट में सॉफ्ट लैंडिंग की प्लान की गई है वैज्ञानिकों द्वारा लांच क्या है|

Chandrayan 3   को भेजने का मिशन क्या है

1 विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग कराना
2 रोवर प्रज्ञान को सतह पर चला कर दिखाना
3 चांद के सतह का वैज्ञानिक परीक्षण करना है

 

Chandrayan 3 चांद की सतह पर करीब 40 दिन पहुंचने में लगेगा

16 मिनट बाद पृथ्वी की orbit में स्थापित हुआ

 

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