विद्यार्थी जीवन में सबसे ज्यादा नींद क्यों आती है पढ़ने के टाइम में ?

 

साथियों जानकारी बड़ी काम की है जानकारी यह है कि मेरे बहुत सी साथी जिन्हें पढ़ते  समय नींद आती है |

 

 

तो दोस्तों सवाल यह है कि कई बार पढ़ते समय हमें नींद आती है नींद का कई तगड़ा जुगाड़ है जब भी सोच कर बैठते हैं कि आज अच्छे से पढ़ना है इस समय कुछ खास ऐसे होता है, हमारे लिए जिसे पूरी कायनात लोरी सुना रही है पूरी तरह श्रेष्ठ में साथ हो गई है ,जहां देखो पूरी नींद का माहौल बन रहा है, बढ़िया ठंडी हवा चल रही है फिर एकदम शांति का माहौल है, और अच्छे से नींद आने का माहौल बन चुका है हम लोग सोने का कोशिश कर भी लेते हैं| नहीं भी करें तो भी झपकी आने लगता है साथियों यह नेचुरल( Natural) प्रक्रिया है|

 

 

स्टूडेंट को कहां पढ़ना चाहिए और कहां नहीं पढ़ना चाहिए ?

देखिए स्टूडेंट लाइफ में पढ़ना तो चेयर टेबल पर ही है बेड पर नहीं पढ़ना चाहिए ,कमर एकदम क्यों ना जंग खा जाए लेकिन किसी -किसी की कमर दुखने लगता है ,तो कोई कुर्सी टेबल को छोड़ देता है लेकिन वैसा नहीं करना है जिन विद्यार्थियों ने कुर्सी टेबल को छोड़ दिया है वह कभी कुर्सी टेबल वाला अधिकारी नहीं बन पाता है ।

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जब नींद आए तो क्या करें या क्या ना करें ?   

आप अपने दिनचर्या में टाइम टेबल सेट कर ले वैसा टाइम टेबल सेट करें जो फिजूल का टाइम वेस्ट ना करें इससे यह होगा कि आपकी दिनचर्या का सही उपयोग होगा

कोई भी कम करें उसको कंटिन्यू 21 दिन रेगुलर करें ऐसे यह होता है कि 21 दिन काम करने पर आपकी आदत लग जाती है इससे यह होता है कि जो भी आप काम करेंगे वह काम आपको कठिन कभी नहीं लगेगा वह आपको इजी ही

हो जाता है चाहे पढ़ाई हो और चाहे और कर अन्य कोई चीज हो

?

 

 

 

यदि आपको नींद आता है तो क्या करें ?

अगर आपको नींद आता है तो आने दो यह दिमाग का रिसेट बटन (Reset button) है, (जैसे मान लीजिए फोन हैंग होने लगता है तो हम उसको स्विच ऑफ करके रीस्टार्ट करते हैं फिर वह अच्छी तरह से कम करने लगता है )

वैसे हमारा दिमाग काम करने लगता है अगर आपको नींद आता है तो क्या करें नींद के लिए अपनी कुर्सी टेबल से उठकर बेड में मत जाइए और पहले एक सुधार करके रखिए यदि नींद आने की संभावना है तो बेड में बैठकर मत पढ़िए यदि आप विद्यार्थी जीवन में है तो आप कृपया बेड में बैठकर ना पड़े वह बेड नहीं वह आपकी बिल्कुल बेड (Bad)स्थिति में ले जाता है |

 

लिखकर या बोलकर पढ़ने से क्या फायदा होता है। 

अगर आप लिखकर या बोलकर पढ़ते हैं, तो आपको जल्दी समझ आता है ,अगर आप मन ही मन पढ़ते हैं, तो आपको जल्दी समझ नहीं आता इसलिए नहीं आता है क्योंकि आप पढ़ते हैं तो सब लेकिन वह कुछ दिमाग में माइंडसेट नहीं होता है ,इसलिए अगर आप पढ़ने जब भी बैठे तो एक पेंसिल में साथ लेकर बैठे  जिस पर लिखे हो उसे पर लाइन करते जाइए वह भाषा तुरंत समझ आ जाती है|

 

विद्यार्थी जीवन में दिन में पढ़ना चाहिए या रात में

student  की अपनी-अपनी सोच होती है, जो आपको Best  टाइम लगे इस टाइम पढ़िए किसी के कहने पर मत पढ़िए जो आपको अच्छा लगे या दिन को लगे तो दिन में पढ़िए या रात में लगे तो रात में पढ़िए   अगर उससे भी अगर मन नहीं लगता है तो भोर को 4:00 बजे पढ़िए |

 FAQ :-

Q दिमाग को कितने घंटा रेस्ट देना चाहिए ?

ANS:-8घंटा

Q मनुष्य का कौन सा पाठ है जो ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करता है  ?

ANS:-दिमाग

Q मनुष्य अपने दिनचर्या को सेट कितना दिन में कर सकता है ?

ANS:-21 दिन में

Q मनुष्य को दिन में कितना लीटर पानी पीना चाहिए ?

ANS:-5 से 10 लीटर           (Note:-ऐसे तो सबकी अपनी-अपने कैपेसिटी होती  है |)

Q विद्यार्थी जीवन में सुबह कितना बजे उठना चाहिए ?

ANS:-सूर्य उगने से पहले उठ जाना चाहिए |

Q विद्यार्थी जीवन में नींद को कैसे भगाएं ?

ANS:-ऐसे तो अपनी-अपनी सोच पर निर्भर करता है

 

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