Parle-G अपना दाम क्यों नहीं बढ़ाता इतना पैसा कैसे कमा लेता है ?
पारले-जी का एक पैकेट 1994 में ₹4 का बिकता था| उसे समय पीवी नर्शिंघा राव की सरकार थी | उसे समय पेट्रोल ₹16 और डीजल ₹8 मिलता था | और अब 29 साल बाद 6 साल अटल जी रह लिए 10 साल मनमोहन जी रह लिए | और मोदी 10 साल होने वाले हैं | और वही पारले-जी का दाम ₹10 है और यह ₹5 2021 में भरा है यानी 1994 से लेकर 2021 तक पारले-जी ने अपने प्रोडक्ट के दम ही नहीं बढाई|
यानी 27 साल ये बच्चा गोद में था | उसे बच्चों की गोद में बच्चा आ गया है | लेकिन Parle- G के दम वही की वही है | अगर अगर आप यह सोच रहे हैं | कि पारले-जी अपना दम ही नहीं बढ़ा रहा है | तो काम क्या रहा है | 2013 में 5000 करोड़ की सेल करने वाला पहला एफएमसीजी ब्रांड बन गया
और आज पारले-जी 16000 करोड़ की सेल पर कर चुका है | और ये सब हासिल कर लिया बिना रेट बढ़ाए बगैर | 2011 में नेल्सन ने अपने रिपोर्ट में दुनिया का हाईएस्ट सेलिंग बिस्किट है |
Parle – G हर पल में 100 करोड़ से ज्यादा पैकेट बनता है | यदि एक दिन के 3 करोड़ 33 लाख पैकेट बनता है |13 लाख पैकेट प्रति घंटा बनता है| पारले जी 23000 प्रति पैकेट बनता है | यानी आप जितनी देर इस आर्टिकल को पढ़ने में लगा रहे हैं |उतने में पारले-जी 25000 पैकेट बना चुके हैं l
अब आपके दिमाग में ख्याल आता होगा ये प्राइस भी नहीं बढ़ा रहा है और इतना पैसा कैसे कमा रहा है ?
पारले ग्रुप की शुरुआत 1929 में हुई थी पारले गुरु की शुरुआत मोहन दयाल चौहान ने की थी जैसे आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ेंगे आपको बचपन की कुछ याद आती रहेंगे |
पारले ने अपना पहला प्रोडक्ट 1929 में बनाया था वह प्रोडक्ट बनाया था ऑरेंज कैंडी पारले-जी ने अपनी बिस्कुट की शुरुआत पार्ले ग्लूको बिस्कुट से की थी 1939 में बिस्कुट की शुरुआत की थी तब उसमें सिर्फ 12 लोग ही काम करते थे वह भी घर के सदस्य थे
Parle G बिस्किट का में नाम कैसे पड़ा।
इस बिस्कुट कंपनी की पहली फैक्ट्री जो लगाई थी वह विले पार्ले में लगाई गई थी | इस कंपनी का दूसरे कंपनी कॉपी पेस्ट कर रहा था इसलिए ग्लूको को नाम हटाकर एक Parle-G रख दिया गया |
ब्रिटानिया अपने बिस्किट लॉन्च कर रहा है | ग्लूकॉडी के नाम से इसमें तो पारले-जी का बिजनेस ठप चलने लगा क्योंकि ब्रिटानिया ने इसके ही कॉपी कर लिया इसलिए परले जी ने अपना प्रोडक्ट का नाम ही चेंज कर दिया और रख दिया Parle-G
अब बात करते हैं Parle -G कंपनी की |
कई लोग कहते हैं | कि बिसलेरी Parle G का है | बैली पार्ले जी का है फ्रूटी पारले जी का है | रुको जी मोहनलाल के पांच बेटे थे और जब पांच बेटे होते हैं | तो इंडिया है ये बटवारा तो होता है |
Parle प्रोडक्ट तीन टुकड़ों में बांटा गया | सबसे पहले अलग जयंत लाल चौहान हुआ जयंतीलाल चौहान का कंपनी का नाम परले एग्रो जयंतीलाल चौहान बनाते हैं फ्रूटी डेली वाटर और FIZZ , और जो दूसरी कंपनी थी बिसलेरी की वह रमेश चौहान की कंपनी है वह पानी का सप्लाई करते हैं |
और तीसरी कंपनी जो रह गई वह तीन भाइयों की थी वह जितने भी बिस्किट में क्वालिटी और CATEGRY आता है वह तीनों भाई का कंपनी है | अब आप सोच रही होंगे कि | ये प्राइस तो बाहर नहीं रहे हैं यह टर्नओवर कैसे बढ़ रहा है प्रॉफिट कैसे कर रहे हैं |
Strategy 1 (Increase your products portfolio):-
सेल बढ़ाने के कुछ तरीका है |सबसे पहले अपना कस्टमर बढ़ाओ प्रिंस बढ़ा दो लेकिन सब कंपनी वाले प्राइस बढ़ा रहे हैं लेकिन पारले-जी बिस्कुट वाले तो प्राइस नहीं बढ़ा रहे हैं |
1939 ग्लूकोस बिस्किट बेच रहे थे लेकिन यह बिस्किट मीठा था अगर मीठा बिस्किट कोई नहीं खाए तो तब parle-G कंपनी वालों ने अपना खड़ा बिस्किट लॉन्च किया वह जिसका नाम था monoco
अगर जिसको मीठा नमकीन दोनों बिस्किट चाहिए तो वह क्रैक जैक ले लो और जिसको काजू वाला बिस्कुट चाहिए वह 20-20 ले लो ये जितने भी बिस्कुट के ब्रांड है ये सब ब्रांड पारले जी का है |
Parle G ने अपना product कब कब लंच किया।
- 1963 में कितनी kismi Bar लॉन्च किया |
- 1966 में poppins लांच किया |
- 1983 में लॉन्च किया मेलोडी |
- 1986 में लॉन्च किया मांगो बाइट
पारले-जी कंपनी का दाल ,आटा सब कुछ आता है | जैसे आप चौकस खाते हैं | ना वह भी प्रोडक्ट पारले जी का ही है | ये सब करके 2013 में पहली ब्रांड बना जो 5000 करोड़ का टर्नओवर था
Parle G का दाम क्यों नहीं बड़ा |
कौन कहता है | कि पारले जी का दाम काम नहीं | असल में पहले ₹4 में 100 ग्राम Parle-G बिस्किट आता था लेकिन अब | Parle-G बिस्किट ₹5 का 45 ग्राम आता है| सोच कर देखिए जो 55 ग्राम ₹5 का मिलता था पहले ₹4 में 100 ग्राम मिलता था वही 100 ग्राम का कीमत आज की डेट में ₹9 हो गया है | एक तरफ से देखा जाए तो PRICE ₹4 से ₹9 आ गया लेकिन आपको पता नहीं लगा |