भारत की करेंसी और USA की करेंसी बराबर होता है तो आयात प्रोडक्शन बढ़ जाता है | 

अगर भारत में ₹1 $1 के बराबर होता है तो  "निर्यात" कम हो जाता है |

RBI जब भी नोट छपती है तो जितना भारत में संपत्ति है उसी के अकॉर्डिंग नोट छपती है |

1947 में भारत की करेंसी और  USA की करेंसी बराबर थी  |

रुपया का डिमांड कितना है और डॉलर का डिमांड कितना है वह इसका पता BOP  करता है |

चीन की बात किया जाए तो चीन जानबूझकर अपनी  कमजोर रखती है क्योंकि चाइनीस इकोनामी एक्सपोर्ट पर ही निर्भर करता है।

1970 में थे शुरुआत में देश ने मुद्रा स्थापित किया डॉलर के बदले सोने की मांग कर दी इसलिए डॉलर का वैल्यू बढ़ गई

USA में भारत के मुकाबले 82 गुना ज्यादा संपत्ति है इसलिए भारत ₹1 बराबर 82.55 रुपया होता है

दुनिया में सबसे कमजोर ई ईरान की है जो भारत का ₹1 में 516 IRR, हैं |