आखिर जिओ कैसे बना ब्रह्मास्त्र ?

एक बार सोच कर देखिए जिया ना होता तो क्या होता ? जब जिया नहीं था भाई साहब इंटरनेट का डाटा क्या था ₹300 में 1GB मिल रहा था,₹300 वाले भाव आज होते तो, क्या यूट्यूब में वीडियो आप देख पाते ,क्या आप Flipkard,amozon  ऑर्डर बुक कर पाते हैं या Ola,uber  बुक कर पाते  |

क्या फ्लिपकार्ट पर शॉपिंग कर लेते  या नेटफ्लिक्स  (Netflix ) में मूवी देख लेते हैं,लोग कहता है “जल ही जीवन” है , लेकिन मेरा मानना है जियो ही जीवन है, जितनी भी कंपनियां ऑनलाइन के भरोसे में “जी” रहा है, उसकी तो वाट लग जाती अगर जिओ कंपनी ना होता तो

जियो सस्ती सिम (SIM )  नहीं है एक क्रांति (SIM ) थी ,जो सब कुछ बदल के रख दीया ,आखिर यह क्रांति हो रही थी तब इनके दिमाग में ये आइडिया कैसे,इन्होंने इसकी प्लानिंग कैसे की,हम बात करने वाले हैं जिओ कम्पनी के बारे मैं |

जिओ का आइडिया आया कैसे | (आखिर जिओ कैसे बना ब्रह्मास्त्र ?)

ईशा अंबानी USA पढ़ने  गया था, छुट्टियों का टाइम था ईशा अंबानी घर पर आया था, ईशा अंबानी को होमवर्क करना था, लेकिन ईशा अंबानी का नेट खत्म हो गया और अपने पापा की तरफ देखते हुए कहा पापा internet खत्म,मुकेश अंबानी के दिमाग में  आइडिया आया कि मेरी बेटी दुनिया के अमीर घरों में बैठी है, यहां पर जितने इंटरनेट का कनेक्शन है, सारे प्रीमियम है ,यह इंटरनेट की समस्या मुझे आ रही है ,तो आम आदमी का क्या हाल होता होगा ?

मुकेश अंबानी को यहीं से दिमाग में आइडिया आया कि क्यों ना कुछ करें, अपने से पता लगाया है ,और चार चीजों में फोकस किया कि इंडिया (INDIA) में चल क्या रहा है,

(1.) Coverage:-इंडिया में इंटरनेट का कवरेज 15 से 20% लोगों के पास है ,और USA  में 70% लोगों के पास है |

(2.) Data quality:-कुछ ऐसे शहर है जहां तो SINNAL ही नहीं आता है, और कुछ ऐसे गांव कस्बे हैं ,जहां पर तो SIGNALका नामोनिशान नहीं है |

(3.) Data:-1GB डाटा मिलता है उसमें भी घर- के इंटरनेट चलता है उसमें भी रोना पड़ता है ग्राहकों को 1GB डाटा मिलता है वह भी रॉकेट के चलता है लेकिन वह भी ढंग से नहीं चलता है |

(4.)Affordability इतना महंगा है, आम आदमी तो कर नहीं पाएगा |

मुकेश अंबानी ने कहा DATA की क्वालिटी बढ़िया कर दो, और आप छोटी कर दूं और एक्सपेंशन (EXPENSON)  कर दूं ये तो भैया बिलियन डॉलर अपॉर्चुनिटी है क्यों ना इसमें दिमाग लगाया जाय |

मुकेश अंबानी क्यों कहते हैं |

मुकेश अंबानी को टेलीकॉम में कोई लेना-देना नहीं था मुकेश अंबानी ने रिलायंस टेलीकॉम के रहते हुए बहुत काम किया था ,लेकिन अनिल अंबानी के हिस्से में चली गई मुकेश अंबानी को अब टेलीकॉम कंपनी से कोई लेना-देना नहीं था

फिर भी रिसर्च की किताबें पढ़| लोगों से मिले मुकेश अंबानी के दिमाग में जो आइडिया आया मुकेश अंबानी ने अपने हाथों से 36 पेज का डॉक्यूमेंट तैयार किया और बाद में डॉक्यूमेंट सीनियर एजुकेटेड को भेज|

मुकेश अंबानी ने अपने सीनियर को कहा मेरा ये विजन है मैं यह बिजनेस करना चाहता हूं ,मुकेश अंबानी ने उस  36 पेज में पूरा डिटेल से लिखा कि अगले 10 साल में भारत में टेलीकॉम का फ्यूचर क्या होगा ? ये लेटर दिसंबर 2010 में भेजा था

2010 में 3G ढंग से नहीं चल रहा था , मुकेश अंबानी दावा कर रहे थे 4G वायरलेस सर्विस प्रोवाइड करेंगे लोग मुकेश अंबानी को कहते थे, पागल हो गए हैं क्या यहां तो 3G ढंग से चलता नहीं है ,4G से कहां से लाएंगे ,99.99% कनेक्शन कनेक्टिविटी देंगे जो ये कनेक्शन होगा ये ऐप से होगा हम डिवाइस चीन और ताइवान से लाएंगे

मुकेश अंबानी में ने 36 पेज में क्या-क्या लिखा था |

उसे पेज में ये लिखा हुआ था, कि हम ऐसा नेटवर्क लगेगा  जो मोबाइल में भी चले और लैपटॉप में भी चले,पूरे इंडिया को कवर करने के लिए 3LAK SQ  फीट का डाटा सेंटर बनाना पड़ेगा और 60000 लगभग टावर लगेगा , एक टावर से दूसरे टावर डाटा जाएंगे इतना डिटेल्स उसे पेज में मुकेश अंबानी लिखे थे ,और बोला कि कर दीजिए इस प्रोजेक्ट में काम चालू,

 

पहली बार मुकेश अंबानी जिओ में कितना लागत लगाए थे |

पहली बार अपना जिओ कंपनी का स्टार्ट (1.50 CR) डेढ़ करोड़ से किया था, लेकिन इस बिजनेस को स्टार्ट करने में मुकेश अंबानी को चार प्रॉब्लम थी,मुकेश अंबानी का पहला दिक्कत ये था,कि

(1).लाइसेंस कैसे ले

(2). लाइसेंस 4G है ही नहीं

(3.) टावर भी लगाना है

(4.) लाइन भी बिछाना है वह भी बड़ी बात है |

(5.) अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी में आपस में एग्रीमेंट हो रखी थी कि मेरे एरिया में आप नहीं आओगे

2010 में अनिल अंबानी के साथ एग्रीमेंट ड्रॉप करवा के अपनी Problem  हटा ली

मुकेश अंबानी ने 4G का लाइसेंस किस कंपनी से लिया

मुकेश अंबानी ने 4G का लाइसेंस एक कंपनी थी जो 2007 में info tell broadband service limited (itbsl) यह कंपनी ऐसी थी जो बड़े लिस्ट में नाम नहीं थी और यह इकलौती कंपनी थी 22 की 22 बिल्ड लाइसेंस मिल गए मुकेश अंबानी को,बाद में मुकेश अंबानी ने इस कंपनी को 4800 करोड़ देकर 95% तक शेयर खरीद lee

हालांकि यह कंपनी मोटा भाई की थी लेकिन मोटा भाई बोले कि यह आप चुपके-चुपके ले लो मैं आपसे लाइसेंस चुपके-चुपके ले लूंगा,

Infrastructure कैसे डेवलप किया |

मुकेश अंबानी ने कहा अनिल अंबानी की तरह गलती नहीं करूंगा अनिल अंबानी को बर्बाद कैसे हुआ जानते हैं क्यों ? मुकेश अंबानी ने कहा अनिल अंबानी की तरह गलती नहीं करूंगा अनिल अंबानी को बर्बाद कैसे हुआ है जानते हैं कि रिलायंस कम्युनिकेशन कंपनी ने

मुकेश अंबानी ने 3G टेक्नोलॉजी में इतना भारी इन्वेस्टमेंट कर दिया aur vah technology outdated ho gai ,मुकेश अंबानी के पास 4G टेक्नोलॉजी के लिए पैसे ही नहीं बच| पहले कर्ज में डूबा हुआ था मुकेश अंबानी ने कहा मैं टेक्नोलॉजी परचेज  ( perchas) करूंगा तो 4G  में भी LTE  टेक्नोलॉजी (Perchase) करूंगा ताकि आने वाले समय में 5G में अपग्रेड करना आसानी  हो जाए

जिओ का टावर  पहले बार  कितना लगाया गया है |

जब मुकेश अंबानी टावर लगाने के बारे में सोच रहे थे ,तब उसके सीनियर ने बताया एक टावर को लगाने में 25 से 30 लाख रुपया लगता है ,और किराया में लेने के लिए 10 से 12 लाख रुपया लगता है,फिर मुकेश अंबानी बोल दिया टावर लगाएंगे तो अपना टावर लगाएंगे उसे समय आईआईटी मुंबई ने

टावर डेवलपमेंट कर रहा था जिसमें स्टील भी काम लग रहा था, हल्का भी था माल भी काम लग रहा था वह टावर चार दिन में इंस्टॉल होता था उसे टावर की कास्ट मात्र 12 लाख रुपया होता था, जो टावर 25-30 लाख का था वह मुकेश अंबानी ने 12 लाख में लगा लिया नॉर्मल टावर को लगाने में 15 20 दिन लगते थे लेकिन यह टावर मात्र 4 दिन में ही तैयार हो जाते थे |

उसे समय टोटल टेलीकॉम की टावर 3600 मात्रा थी लेकिन मुकेश अंबानी ने अपना 8000 टावर लगा दिया |

फाइबर कैसे बिछाया अंबानी ने 

सबसे पहले फाइबर कॉपर का बिछाया जाता था, लेकिन उसमें कास्ट बहुत ज्यादा लगता था ,कॉपर तार बिछाने पर चोरी हो जाता था, मुकेश अंबानी ने तय किया हम कॉपर नहीं बिछाएंगे हम फाइबर ऑप्टिकल केबल लगाएंगे ,यह प्लास्टिक जैसी होती है ,थोड़ी सस्ती होती है |

जहां 100m  फाइबर ऑप्टिकल केबल लगता था वहां 110m ज्यादा बेचता था जानते हैं क्यों 100m fit अंदर चला जाता था, और 10 मीटर बाहर छोड़ देते थे ताकि , चोरी से बचे  कोई काम का नहीं है और यह फाइबर ऑप्टिकल केबल बच जाता था

Locol proble का locol solution कैसे निकाले अंबानी

जब केवल बिछा रही थी तब अंबानी ने आर्मी हायर कर ली जानते हैं, कैसे जो आर्मी रिटायरमेंट था ,उसको अपने केवल बचाने को देखने के लिए अपने पास नौकरी में रख लिया, जिस गांव में केवल बिछा रहा था उसे गांव के पांच-पांच बंदे को नौकरी दे दिए ताकि मेरा केवल सुरक्षित रहे और सुरक्षित तरीके से बिछ जाए ,लोकल प्रॉब्लम का लोकल सोल्यूशन निकालो उसे मुकेश अंबानी कहते हैं ,अब आप सोच रहे होंगे इसमें तो खर्चा ही खर्च है, मुकेश अंबानी ने कमाया कैसे|

 

 

MUKESH AMBANI
                                                                                     MUKESH AMBANI

 

जिओ ने पैसा कैसे कमाए |

अब आप सोच रही होंगे जिओ तो सस्ता DATA देती है, ये कमाया घंटा नहीं कुछ होगा ,लेकिन अब आपको बता देते हैं ,जियो का YEARS में कितना इनकम होता है ,अब आप सोच रहे होंगे कि ,जिओ  सस्ता DATA देता है,ये कमाया कैसे ?। शुरुआत में फ्री में सिम देखकर कस्टमर इकट्ठे कर लिए,बाद में जिओ वाले ने पैसा चार्ज करने लगे |

जिओ इस समय 2 करोड़ पर घंटे कमाते हैं,जिओ का डेली प्रॉफिट 50 करोड़ क्वार्टरली प्रॉफिट सारे 4000 करोड़ जिओ का पिछले साल का प्रॉफिट 14000 करोड़ का था जितना इन्वेस्टमेंट जिओ ने किया है, वह दो चार-पांच साल में चूका देगा |

जिओ का मास्टर प्लान

एयरटेल इतना महंगा दे रही थी₹300 में 1GB आ रहा था आज ₹15 में 1GB मिल रहा है.

कारण बताइए:-

मुकेश अंबानी कैपेसिटी में एक्स्ट्रा इन्वेस्टमेंट करते हैं, एक्स्ट्रा इन्वेस्टमेंट कैसे होता है ,मान लीजिए स पब्लिक को इंटरनेट देना है ,उसके लिए मुकेश अंबानी डेढ़ सौ पब्लिक के लिए इंटरनेट पहले से ही तैयार करके रखता है |

अभी मात्र 42% जिओ का कस्टमर अगर यहां से ढाई प्रतिशत भी बढ़ जाता है, तो प्लेन और वैलिडिटी में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है ,मुकेश अंबानी के लिए क्योंकि एक्स्ट्रा चीज़ पहले ही तैयार करके रखते हैं मुकेश अंबानी |

जियो जब लॉन्च हुआ था तो अंबानी ने क्या बोला था

मुकेश अंबानी ने ये बोला था ,जिओ एक टेलीकॉम कंपनी नहीं है, ये एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसमें मोबाइल पर इंटरनेट मैं ही दूंगा घर पर भी इंटरनेट मैं ही दूंगा इंटरनेट से आप जो भी करना चाहते हैं वह भी मैं ही दूंगा |

अगर आपको शॉपिंग करनी है. जिओ मार्ट  (JIO MART )  मैं ही दूंगा मूवी देखनी है वह भी मैं ही दूंगा जैसे कि जिओ सिनेमा गाना सुनना है तो जियोसावन मैं ही दूंगा धीरे-धीरे करके अंबानी जी ने अलग-अलग सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करना चालू कर दिया |

अंबानी का कहना  है,की इंटरनेट मेरा इंटरनेट में बिकने वाली चीज भी मेरा,ऑनलाइन सेक्टर में भी जिओ कंपनी आगे है ,और ऑफलाइन सेक्टर में  कंपनी  आगे है कस्टमर जाएगा तो जाएगा कहां पर |

जिओ में टोटल टीम कितना है |

जिओ में टोटल टीम 20000 टीम है, जिसमें 15% टीम बाहर कंट्री के है,मुकेश अंबानी जी के स्ट्रेटजी कहते हैं, मुझे टैलेंट चाहिए, अगर कोई भी प्रोडक्ट जिओ का लॉन्च होता है, जो कंपनी बढ़िया परफॉर्मेंस में होता है, उसको मुकेश अंबानी मुंह मांगा पैसा देकर हिस्सेदारी लेते हैं |

अंबानी ये नहीं देखाता है, कि इंडिया से ही लूंगा वर्ल्ड के किसी कोने से भी आदमी को उठा ले आते हैं, जॉर्डन से ले आते हैं USA ले आते हैं ,ईरान से भी उठा ले आते हैं |

जिओ एक कस्टमर से कितना महीने का कमाता है |

जिओ पहले एक यूजर से 138 रुपया महीने का कमाता था,  लेकिन अब जिओ महीने का 177 रुपया कमाता है, धीरे-धीरे 200, 300, 400, भी जाएगा क्योंकि धीरे-धीरे 10 -20 सर्विस लेगा पूरा एक Eco सिस्टम अंबानी ने ऐसे बनाया है,कि मजबूरन आपको जिओ के ही तरफ जाना पड़ेगा |

ये स्ट्रेटजी पहले एप्पल ने की थी, एप्पल का ही कॉपी जिओ ने अब करने लगा ,जिओ एप्पल इतना बड़ा बनना चाहता है |

 

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